आई.सी.एस.ई. के पाठ्यक्रम को दृष्टिपथ में रखते हुए लिखी गई ‘व्याकरण -पल्लव’ को विद्यार्थियों तक पहुँचाने का सम्पूर्ण श्रेय इण्टर यूनिवर्सिटी प्रेस के प्रबन्धक श्री बृजमोहन कैले को जाता है। उन्हीं के सहयोग से मेरा यह स्वप्न साकार हो सका। इस पुस्तक की रचना के मूल में ब्राइटलैण्ड्स, देहरादून विद्यालय के जागरूक विद्यार्थी, जो पग-पग पर अपनी समस्याएँ शिक्षकों के सामने रखते हैं, प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।